दिल की बातें
– by gurbir singh – Leave a Comment
जीवन की हर चुनौती ने मुझे नया हौसला दिया : कामिनी खन्ना
मेरा परिवार मेरी ताकत है
कामिनी खन्ना
बहुमुखी प्रतिभा की धनी कामिनी खन्ना के व्यक्तित्व में कई प्रतिभाएं समाहित हैं। वे लेखिका, गीतकार, गायिका, संगीतकार, रेडियो आर्टिस्ट, फिटनेस एक्सपर्ट, ज्योतिष विशेषज्ञ हैं और इसमें उन्होंने पीएचडी की उपाधि हासिल की है। अपनी कला के विविध आयामों को बखूबी प्रस्तुत करना उनकी खूबी है। डिजिटल मीडिया में उनके कई चैनल लोकप्रिय हैं। सफलता के शिखर पर पहुंचने के बाद भी उनकी सहजता, सरलता और विनम्रता उनको एक अलग पहचान देती है।
बहुमुखी प्रतिभा की धनी कामिनी खन्ना से गुरबीर सिंघ चावला की विशेष बातचीत।
आप एक कलात्मक परिवार से हैं। अपनी परवरिश, परिवार और जीवन के शुरूवाती दौर के बारे में कुछ बताइए?
यह मेरा सौभाग्य है कि मुझे विरासत में विभिन्न आयामों में कलात्मक माहौल मिला। मेरी परवरिश बहुत ही सात्विक और धार्मिक परिवेश में हुई। मेरी माताजी स्व. श्रीमती निर्मला देवी अंतरराष्ट्रीय ख्याति प्राप्त ठुमरी गायिका थीं। मेरे पिता श्री अरुण कुमार आहूजा का अभिनय कला के क्षेत्र में एक बड़ा नाम रहा है। मेरे भाई गोविंदा भारतीय सिनेमा जगत सुप्रसिद्ध अभिनेता हैं। कीर्ति कुमार मेरे बड़े भाई हैं। उन्होंने फिल्म जगत में निर्माण, निर्देशन में अपनी एक पहचान बनाई है। हम सब की परवरिश बहुत अच्छे से हुई। माता-पिता से मिली शिक्षा और कला का ज्ञान मेरे जीवन का आधार है। मेरे मामा लछू महाराज जाने-माने तबला वादक थे। मेरी बेटी रागिनी खन्ना और अमित खन्ना बहुत अच्छे एक्टर हैं और अपना कार्य बखूबी कर रहे हैं।
आपके अंदर कई प्रतिभाएं समाहित हैं। अपनी कला के विभिन्न पहलुओं के बारे में क्या कहना चाहेंगी?
गुरबीर जी, यह सही है कि विभिन्न कलाओं में दक्षता को अपनी पहचान मानती हूं। मैं कभी किसी एक कला के दायरे में सीमित होकर नहीं रही। विभिन्न कलाओं में निपुणता के लिए मैंने सभी कलाओं को पूरी ईमानदारी से तराशा है। निरंतर प्रयासों से सभी कलाओं से न्याय करने की कोशिश मैंने की है। कला के विभिन्न पहलुओं की बात करें तो मैं एक लेखिका, गायिका, से संगीतकार, एंकर आरजे और ज्योतिष विद्या में दक्ष हूं। मेरी 22 किताबें प्रकाशित हो चुकी है। फिल्मों और टीवी धारावाहिकों के लिए मैंने संगीत निर्देशन किया और गीतों को अपना स्वर भी दिया है। आरजे के रूप में बिग एफएम में मेरे शो सहर बहुत लोकप्रिय है। मेरा मानना है कि कला का दायरा और आयाम असीमित होता है। एक कलाकार अपनी काबिलियत से कई कलाओं में अपनी योग्यता साबित कर सकता है। ज्योतिष विद्या मैंने सीखी है और काफी गहरा अध्ययन किया है। ब्यूटी विथ एस्ट्रोलॉजी मेरे यू-ट्यूब चैनल में एक लाख सब्सक्राईबर्स हैं। तीन सौ से अधिक विज्ञापन के लिए मैंने लिखा है। विभिन्न कलाओं में निरंतर सक्रियता मुझे ऊर्जावान बनाये रखती है।आप विभिन्न कलाओं में दक्ष हैं। इतनी कलाओं के बीच आप एक कलाकार के रूप में सभी कलाओं के साथ कैसे न्याय करती हैं?
यह सही है कि एक कलाकार के लिए विभिन्न कलाओं के साथ न्याय करना अपना श्रेष्ठ प्रदर्शन करना बहुत कठिन होता है। कला के विभिन्न आयामों के लिए कार्य की निरंतरता से ही मुझमें दक्षता आती गई और हमेशा बेहतर करने का प्रयास मैंने किया है। जहां तक अलग-अलग कलाओं के साथ न्याय करने की बात है तो एक समय में एक ही कला मैने अपना ध्यान केन्द्रित करती हूं। जब मैं लेखिका के रूप में सक्रिय रहती हूं तो सारा ध्यान सिर्फ लेखन और विषय पर केन्द्रित होता है। कोई गीत गाना हो तो पूरा ध्यान अपने स्वर पर होता है। इसी तरह कला के जिस आयाम में मुझे काम करना होता है वही मेरी एकाग्रता होती है।
आज सफलता के जिस मुकाम पर हैं वहां तक पहुंचने के लिए आपने कठिन रास्ते तय किए हैं। आपका जीवन संघर्षों से भरा रहा है। आपके जीवन का सबसे कठिन दौर कान सा रहा?
गुरबीर जी, मेरे जीवन में संघर्षों और चुनौतियों से गहरा नाता रहा है। मैं यह कह सकती हूं कि हर चुनौती ने मुझे नया आत्मविश्वास दिया और संघर्षों से जूझने की मेरी ताकत बढ़ाई। संघर्षों से तपकर मैंने कई कठिन परिस्थितियों का सामना किया। सबसे कठिन दौर वह रहा जब मुझे नर्वस ब्रेकडाउन हो गया था। सारी परिस्थितियां विषम हो गई। उस दौर में मेरे पति को फिल्म निर्माण में बहुत बड़े आर्थिक नुकसान हुए। ऐसी प्रतिकूल परिस्थितियों में पति का पूरा सहयोग करना मेरा फर्ज था, वह मैंने किया। मेडीटेशन, योग के अभ्यास और आत्मिक दृढ़ता से धीरे-धीरे सारी विपरीत परिस्थितियों को सकारात्मक सोच से मैंने बदला। मुझे आर्थिक और मानसिक दिक्कतों का सामना करना पड़ा। वह दौर मेरे जीवन का सबसे कठिन दौर रहा। इन विषम परिस्थितियों के चलते अपने बच्चों रागिनी और अमित को अच्छी शिक्षा देना और उनकी जरूरतों को पूरा करना, मेरे लिए आसान नहीं रहा पर इस बात का संतोष है कि बच्चों को मैं इस काबिल बना पाई कि आज वो अपने कार्यों में सफल हैं और आत्मनिर्भर हैं। मेरे जीवन की हर परिस्थिति में मेरे दोनों बच्चों ने मेरा पूरा साथ दिया और मेरा हौसला बढ़ाया। मेरा परिवार ही मेरी सबसे बड़ी ताकत है।
आप एक स्थापित लेखिका हैं। आपकी सर्वाधिक चर्चित पुस्तक कौन सी है?
मैंने अपने लेखन के सफर में अब तक 22 पुस्तकें लिखी हैं। मेरी सर्वाधिक चर्चित पुस्तक हैं निर्णय। मेरी इस पुस्तक को अमिताभ बच्चन जी ने रिलीज किया था। इस पुस्तक पर टीवी धारावाहिक बनाने की भी योजना विचाराधीन है। यह पुस्तक बहुत लोकप्रिय हुई और पाठकों की काफी सराहना मिली। मेरी एक अन्य पुस्तक अनकही भी मेरे दिल के बहुत करीब है। अपनी इस पुस्तक में मैंने अपने जीवन संघर्ष को दर्शाया है। अपनी भावनाओं, मानसिक और आंतरिक पीड़ा को शब्दों में लिखने के बाद मुझे संतोष होता था। अनकही पुस्तक मेरी आप बीती है। अनकही पुस्तक की लेखन यात्रा में रागिनी मेरी सहभागी रही। रागिनी अनकही पुस्तक पढ़ते समय अति भावुक भी हुई। मेरी पुस्तक अनकही को रागिनी ने पढऩे के साथ-साथ दिल की गहराइयों से महसूस भी किया और इस पुस्तक की सृजनशीलता में मेरी साथी रही। अनकही में मैंने यही बात कही है कि जीवन में कभी हार नहीं माननी चाहिए। अपने हौसले हमेशा बुलंद रखने चाहिए।
आप एक सफल रेडियो आर्टिस्ट भी हैं। आपके प्रोग्राम काफी लोकप्रिय हैं। एक सफल रेडियो आर्टिस्ट में कौन से गुण होने चाहिए?
एक सफल रेडियो आर्टिस्ट को अपनी भाषा पर अच्ची पकड़ होनी चाहिए। एक रेडियो आर्टिस्ट की जुबान संयमित होनी चाहिए। मैंने अपने प्रोग्रामों के लिए कभी भी स्क्रिप्ट नहीं लिखी। कार्यक्रम के विषय से संबंधित अपने विचारों की निरंतरता से अपनी प्रस्तुति देती हूँ।
आपका शो सहर बहुत लोकप्रिय है। इसकी सफलता का श्रेय आप किसे देना चाहेंगी?
बिग एफ.एम. में प्रसारित होने वाला शो सहर को श्रोता बेहद पसंद करते हैं। इस शो की सफलता का कारण है मेरा समर्पण और शो के प्रति मेरी ईमानदारी। इस शो में मैंने अपने जीवन के अनुभवों को साझा करती हूं और सकारात्मक विचारों और बेहतर लाइफ स्टाइल की प्रेरक बातें करती हूं। इस शो की सफलता का श्रेय मैं बिग एफ एम 92.7 को देना चाहूंगी जिन्होंने मुझे इस शो को प्रस्तुत करने का मौका दिया और यह शो मैं निरंतर कर रही हूं। इस शो की लोकप्रियता का श्रेय अपनी टीम को भी देना चाहूंगी।
फिल्म जगत में आपने एक पटकथा लेखक के रूप में भी पहचान बनाई है। आपके उल्लेखनीय प्रोजेक्ट कौन से हैं?
फिल्मों के लिए पटकथा लेखन में मेरी बहुत दिलचस्पी रही है। मैंने फिल्म सुख एक नई दिशा, टीवी सीरियल ‘छप्पर फाड़ के के लिए पटकथा लेखन का कार्य किया है।
आपने एक नया कॉन्सेप्ट ‘ब्यूटी विद एस्ट्रोलॉजी शुरू किया जो काफी सफल हुआ है। इस कॉन्सेप्ट का विचार कैसे आया?
यह एक नया कॉन्सेप्ट था। खूबसूरती और एस्ट्रोलॉजी विषय पर मुझे लगा कि दोनों के समिश्रण से एक नया प्रोग्राम तैयार किया जा सकता है। इस कॉन्सेप्ट के बारे में जब मैंने गोविन्दा जी को बताया तो उन्होंने काफी पसंद किया। एस्ट्रोलॉजी हमारे जीवन के हर पहलू से जुड़ी हुई है। इसलिए मैंने एस्ट्रोलॉजी को ब्यूटी के साथ जोड़ा और एक नया चैनल लांच किया जो काफी सफल है। गोविंदा जी ने इसका नाम ब्यूटी विद एस्ट्रोलॉजी दिया था। मेरे इस कॉन्सेप्ट का काफी लोगों ने नकल भी की है।
आप योगा प्रशिक्षिका भी हैं। आज की जीवन शैली में योग और ध्यान काकितना महत्व है?
हमारी आज की जीवन शैली में योगा और मेडीटेशन का बहुत महत्व है। आज लोग शारीरिक के साथ-साथ मानसिक और आध्यात्मिक रूप से भी कमजोर होते जा रहे हैं। योगा और मेडीटेशन से हमें शारीरिक और मानसिक शक्ति मिलती है। मेडीटेशन हमें आध्यात्म से जोड़ता है और आध्यात्मिक एकाग्रता हमें ईश्वर से जोड़ती है। मेरे जीवन में योगा और मेडीटेशन का बहुत महत्व है। आतंरिक और आध्यात्मिक रूप से हम मजबूत होंगे सारी कठिनाईयां आसान हो जाएंगी।
आपकी फिटनेस का राज क्या है?
सम्पूर्म फिटनेस के लिए मैं सात्विक आहार लेती हूं। योगा और मेडीटेशन के साथ सकारात्मक विचार मेरी फिटनेस कायम रखते हैं।अपने जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि आप क्या मानती हैं?
विवाह के पश्चात अमृतसर से वापस मुंबई आकर संघर्ष करना और अपने आपको स्थापित करना मेरी जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि है। जीवन संघर्ष में कई अभावों के बीच एक महिला की दिक्कतें कई गुना बढ़ जाती है। सलाह सब देते हैं पर साथ देने वाला भी कोई नहीं रहता। मेरे प्रयास, अथक मेहनत और हौसले मेरे साथ थे। प्रतिकूल परिस्थितियों का सामना करते हुए जो भी छोटे-बड़े काम मुझे मिले मैं करती गई और सफलता का रास्ता तय किया। जीवन में सफलता कभी स्थिर नहीं रहती। हर पल हमेशा कुछ सार्थक करना होता है। मुंबई जैसे महानगर में स्थायी हो पाना और अपने बच्चों के सपनों को साकार करना मेरे लिए बहुत बड़ी परीक्षा रही। मेरी कला के विविध आयामों को प्रशंसकों ने दिल से स्वीकारा है और उनका स्नेह हमेशा बना हुआ है यह भी मेरी एक उपलब्धि है। ईश्वर के प्रति मैं अपनी कृतज्ञता प्रकट करती हूं। मैं आज जो भी हूं उनकी कृपा से हूं।